डिग्रीयां तो अब देश के माननीय गृहमंत्री, आधुनिक भारत के प्रतीकात्मक लौहपुरुष और चाणक्य अमित शाह जी की भी चेक कर लेनी चाहिए।
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जयपुर के संस्थापक जिस सवाई जय सिंह को इतिहासकार सतीश चन्द्र अठारहवी सदी का सबसे महान शासक बताते हैं उस सवाई जयसिंह को माननीय गृह मंत्री जी 16 वी सदी में लेकर चले गए।
वैसे अखंड हिंदू राष्ट्र के पैरोकार अमित शाह जी को जानकारियां नज़रे पेश करना चाहता हूं।
सवाई जयसिंह वह अंतिम शासक था जिसने अश्वमेघ यज्ञ करवाया था। सवाई जयसिंह ने ही मधुरा,वृंदावन में औरंगजेब द्वारा तोड़े गए सब मंदिरों को फिर से बनवाया। सवाई जयसिंह ने ही अयोध्या में मंदिर मामले को सुलझाने के लिए अयोध्या के आसपास की सब जमीन खरीद ली लेकिन असमय मृत्यु होने के कारण वे यह काम पूरा नहीं कर सके। अयोध्या के पास आज भी एक गांव बसा है उसे जयसिंह पूरा कहा जाता है। महान विद्वान श्री कृष्ण भट्ट ने सवाई जयसिंह को हिंदू संस्कृति का पुनरुद्धारकर्ता कहा है। राजस्थान का तथ्यात्मक इतिहास लिखने वाले कर्नल जेम्स टॉड ने "ऐनल्स एंटीक्वीटीज ऑफ राजपूताना में लिखा है कि सवाई जयसिंह ने जयपुर में हिंदू विद्याओं का शरणस्थल बनवाया। जिससे कारण भारत से ऋषियों की यज्ञादि की जो महान परंपरा बंद हो गई वह सवाई जयसिंह के कारण फिर से शुरू हो पाई।
कल्कि अवतार महाप्रभु देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी दो महीने पहले ही फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ उन्ही सवाई जयसिंह के बनाए खूबसूरत शहर जयपुर में आकर पूरी दुनिया को सेव ओवर हेरिटेज का संदेश देकर गए थे।
चाणक्य जी कह रहे हैं कि गुजरात में सवाई जयसिंह को हवाई जयसिंह कहा जाता है। आपकी जानकारी गलत है चाणक्य जी आपके ही गुजरात का एक विद्वान केवलाराम सवाई जयसिंह के दरबार में आया और उनका ज्योतिष ज्ञान देखकर सवाई जयसिंह को ज्योतिषराज की उपाधि देकर गया था।
आपके गुजरात में सवाई को हवाई बोला जाता होगा यह एक भाषिक परिवर्तन हो सकता है। गुजरात से सटे राजस्थान के जालोर क्षेत्र में "स" को "च" और ढूंढाड के कुछ क्षेत्रों में "है" को "च" बोला जाता है।
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