मानसिंहजी आमेर के बारे में 10 रोचक तथ्य
1 - मानसिंहःजी का रंग अन्य लोगो की तरह नही था, जहां अकबर बहुत ही गौरा था, वहीं मानसिंहजी का वर्ण नीले रंग का था, यह देखकर अकबर ने मानसिंहजी से पूछा, मानसिंह, जब खुदा नूर ( शक्ल सूरत, सुंदर रंग) बांट रहे थे, तब आप कहाँ थे ? मानसिंहःजी ने जवाब दिया - श्रीमान अकबर, मैं भी वहीं था जिस समय सभी लोग सुंदरता बटोर रहे थे, मैं उस समय ईश्वर से वीरता और पराक्रम मांग रहा था ।
2 - हल्दीघाटी के मैदान में अगर मानसिंहजी नही जाते, तो शायद आज मेवाड़ का अस्तित्व ही नही होता, हल्दीघाटी युद्ध से मात्र 10 वर्ष पूर्व अकबर में चित्तौड़ पर आक्रमण किया था, उस समय महाराणा उदयसिंह अपने 26 वर्षीय पुत्र महाराणाप्रताप जी समेत सारे परिवार को लेकर सुरक्षित स्थान पर चले गए । उनके पीछे से लगभग 2 लाख हिंदुओ की हत्या हुई, 30,000 स्त्रियां बंदी बनकर हरम में गयी, किले में जो राजपूत थे, वह लगभग सारे मारे गए, स्त्रियों का जौहर हुआ । लेकिन मानसिंहजी के समय ऐसा कुछ नही हुआ । मानसिंहजी जब अकबर के सेनापति बनकर आये, तो एक भी मेवाड़ी जनता को लूटा, खसोटा नही गया । इस प्रकार मानसिंहजी ने अकबर की तरफ से लड़ते हुए भी मेवाड़ की रक्षा कर ली ।।
3 - मानसिंहजी ने हल्दीघाटी के युद्ध के 4 साल बाद तुरान, ईरान , अफगानिस्तान, बलूचिस्तान, पंजाब को हराया , यह तुरान आज के समय तुर्की , कज्जकिस्तान, उज्बेकिस्तान , इराक आदि के क्षेत्र है, इसके अलावा मानसिंहःजी ने ईरान को भी परास्त किया, यह सारे देश मिलकर बाबर की तरह हमला करना चाहते थे, ताकि अकबर को हटाकर ओर ज़्यादा कट्टरता से हिंदुओ को मारकाट कर मुसलमान बना सके । लेकिन मानसिंहः ने उनके मंसूबो पर पानी फेर दिया ।। कच्छवाहो ने जीवन मे पहली बार समंदर देखा था ।। मानसिंहजी ने अपनी खून से भीगी तलवार समंदर में ही धोई थी । आज भी कहावत प्रसिद्ध है :-
"माई एडो पूत जण, जेडो मान मर्द।
समंदर खांडो पखारियो, काबुल पाड़ी हद।। "
4 - मानसिंहजी ने आमेर ने अपने जीवन मे 100 से ऊपर लड़ाइया लड़ी, जिसमे 49 के करीब युद्ध हल्दीघाटी जैसे छोटे युद्ध थे, ओर 67 बड़े युद्ध काबुल उज्बेकिस्तान की विषम पहाड़ियों पर थे ।
5 - मानसिंहजी आमेर ने भारत के हर राज्य में विकाश के कार्य किये, जितने भी मंदिर विदेशी आक्रांताओं ने तोड़े थे, वह वापस बनवाये, हरिद्वार, पटना के घाट उन्ही की देन है । आधुनिक हरिद्वार जिसका पुराना मायापुरी था, वह मानसिंहजी की ही देन है । वृंदावन का गोविन्ददेव जी मंदिर, काशी का घाट ओर मानमंदिर आदि मानसिंहजी की देन है ।
6 - मानसिंहजी के समय प्रतिव्यक्ति मासिक आय 1 लाख रुपये से ज़्यादा थी । आज के हिसाब से देखे तो मानसिंहजी की प्रत्येक प्रजा करोड़पति थी ।
7 - बीकानेर , शेखावाटी , बिहार, झारखंड, बंगाल आदि क्षेत्रों का इस्लामीकरण केवल इसलिए नही हुआ, क्यो की मानसिंहः थे ।
8 - आज तो ताजमहल है, यह मानसिंहजी का निवास महल था , जिसे औरंगजेब के समय हड़प लिया गया था ।
9 - मानसिंहजी ने मात्र 30 साल की उम्र में धरती जीत ली थी ।।
10 - मानसिंहजी एक महान कवि भी थे ।
दोस्तो मानसिंहजी ने अफगानिस्तान आदि क्षेत्रों के मुसलमानो में इतना ख़ौफ़नाक डर पैदा कर दिया कि वहां की माताएं अपने बच्चो को मानसिंहजी के नाम से डराने लगी ।।
मात सुलावे बालकां , ख़ौफ़नाक रणगाथ
काबुल भूली नह अजे, यो खांडो ये हाथ
सही कहा
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