निपाह वायरस के मरीज का इलाज करने वाली नर्स की मौत, पति के लिए छोड़ा इमोशनल मैसेज
नई दिल्ली : "मैं बस जा ही रही हूं... मुझे नहीं लगता, मैं आपको देख पाऊंगी... माफ कीजिएगा... हमारे बच्चों का ध्यान रखिएगा..." अपने पति के लिए यह गुडबाय नोट लिखा था नर्स लिनी पुथुस्सेरी ने, जो नए निपाह वायरस का चौथा शिकार बनीं. उनका दाह संस्कार भी आनन-फानन में कर दिया गया, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके, और इसी कारण वह अपने परिवार को देख भी नहीं पाई. 31-वर्षीय लिनी की दो संतानें हैं - सात साल और दो साल की. अपने पति को लिखे एक बेहद भावुक नोट में नर्स लिनी ने लिखा, "साजी चेट्टा, मैं बस जा ही रही हूं... मुझे नहीं लगता, मैं आपको देख पाऊंगी... माफ कीजिएगा... हमारे बच्चों का ध्यान रखिएगा... हमारा मासूम बच्चा, उसे खाड़ी देशों में ले जाइएगा... उन्हें उस तरह अकेला नहीं रहना चाहिए, जिस तरह हमारे पिता रहे... बहुत-सा प्यार..." लिनी का यह नोट सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है, और पढ़ने वालों की आंखों को नम कर रहा है.माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर बहुत-से लोगों ने युवा नर्स के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की है.डॉक्टरों के एक नेटवर्क DailyRounds के मुख्य कार्यकारी डॉ दीपू सेबिन ने लिखा, "निपाह वायरस के खिलाफ हमारी लड़ाई में नर्स लिनी की मौत हुई है... वह इस वायरस से संक्रमित मरीज़ों को बचाते हुए मरी... वह सिर्फ 31 साल की थी, और दो छोटे बच्चों की मां भी... अगर वह शहीद नहीं है, तो मैं नहीं जानता, शहीद कौन कहलाएगा..."
अस्पताल ने पुष्टि की है कि नर्स का अंतिम संस्कार उसके परिवार की सहमति से मृत्यु के तुरंत बाद कर दिया गया था.इससे पहले निपाह वायरस की वजह से जान गंवा चुके तीनों लोग एक ही परिवार के थे - जिनमें 20-30 वर्ष की आयु के दो भाई थे तथा उनकी एक महिला रिश्तेदार शामिल थी, जो उनके साथ अस्पताल में ही थी. बताया गया है कि भाइयों के पिता का इसी वायरस से संक्रमित होने के चलते इलाज चल रहा था.कोझीकोड तथा निकटवर्ती मलप्पुरम में इसके बाद तेज़ बुखार तथा वायरस से जुड़े अन्य लक्षणों के साथ पांच और लोगों की मौत हो चुकी है. कोझीकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी दो और नर्सों को तेज़ बुखार के साथ भर्ती कराया गया है.
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